समूह सखी क्या है?| Samuh Sakhi Kya Hai
स्वयं सहायता समूह (Samuh Sakhi Kya Hai)की महिलाओं में भ्रम फैला रहता है कि स्वयं सहायता समूह के जरिए कभी ना कभी हमें नौकरी मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के लिए भारत सरकार ने एक समूह सखी की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे हैं 5 या 6 समूह की देखरेख करना होता है। Samuh Sakhi Kya Hai इसका समूह सखी का कार्य ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत आने वाले सभी प्रकार की योजनाएं एवं लाभो के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बताना होता Samuh Sakhi Kya Hai इसके बारे में ।
प्रत्येक गांव के ग्राम पंचायत में स्वयं सहायता समूह होते हैं यदि एक गांव में 10 से 12 स्वयं सहायता समूह चल रहे हैं तो वहां पर दो समूह सखी की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।
समूह सखी (Samuh Sakhi)को मिलने वाला मानदेय
स्वयं सहायता समूह में नियुक्त समूह के सखियों को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मानदेय दिया जाता है समूह सखी को समूह में कराए जाने वाले कामों के अनुसार उनको वेतन दिया जाता है या वेतन 1500 से लेकर ₹6000 तक हो सकता है।
स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष कोषाध्यक्ष और सचिव को किसी भी प्रकार का कोई मानदेव नहीं दिया जाते हैं समूह सचिव को या वेतन उसके कामों के आधार पर दिया जाता है समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे हैं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह कैसे चलाए जाते हैं?स्वयं सहायता समूह में रजिस्टर कैसे लिखे जाते हैं ? स्वयं सहायता समूह में बचत पर कितना ब्याज बैंकों द्वारा दिया जाता है। स्वयं सहायता समूह में उद्योग लगाने वाले कर्ज कैसे लिए जाते हैं? स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दिए गए बचत और वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट बैंक को देना और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस में जाकर रिपोर्ट सबमिट करना होता है।
समूह सखी कैसे बने| Samuh Sakhi Kaise Bane
समूह सखी बनने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्लॉक स्तर पर जाकर अपने गांव में चल रहे सभी स्वयं सहायता समूह के लिस्ट निकलवाने होंगे इसके बाद आपको राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस में जाकर यह पता लगाना होता है कि वही समोसा की पहले से तो नहीं नियुक्त हैं आपके गांव में यदि आपके गांव में कोई समूह सखी पहले से नियुक्त नहीं है तो आपको वहां पर बैठे हुए अधिकारी से बात करनी होगी और आवेदन के लिए एक फार्म ले लेना है। ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के मिशन प्रबंधक से बात करे।BMM
समूह सखी बनने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं को सुनिश्चित कर लेना चाहिए।
1 आपके पास न्यूनतम आठवीं और अधिकतम 12वीं क्लास तक की शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए।
2 आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक का पासबुक होना चाहिए।
3 आपके पास अपने गांव में चल रहे हैं जन सहायता समूह की जानकारी होना चाहिए।
4 आपकी उम्र कम से कम 18 वर्ष या अधिकतम 35 वर्ष होनी चाहिए।
समूह के बारे में जानकारी।Samuh Ke Bare Me Jankari
स्वयं सहायता समूह को SHG भी कहते हैं। SHG का Full Form =Self Help Group होता है। स्वयं सहायता समूह का गठन राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एवं महिलाओं में बचत की आदत को विकसित करने तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जाता है।
भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में धन के बचत एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह गठन योजना प्रारंभ की है।
स्वयं सहायता समूह का गठन ग्रामीण क्षेत्र की 10 से 12 महिलाएं भी कर सकती हैं स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष कोषाध्यक्ष और सचिव तीन प्रमुख महिलाएं होती हैं और अन्य महिलाएं सदस्य के रूप में जोड़ी जाती हैं इसके बाद अपने ब्लॉक के स्तर पर जाकर अथवा ऑनलाइन कंप्यूटर या किसी सीएससी जन सेवा केंद्र पर स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
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समूह सखी में क्या लाभ है?
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की गई डीजे पर सखी योजना के तहत जिले की स्वयं सहायता समूह में जुड़ी करीब 150 महिलाओं का चयन किया गया है इन महिलाओं की सी एस सी की तरफ से सिंगल फिंगर प्रिंट मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी शुरुआत में यह महिलाएं गांव में ही मशीन से पैसे का लेनदेन कर सकती हैं।
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समूह में कितने पैसे मिलते हैं?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे शौचालयों की देखरेख की कमान सौंपी जाएंगी इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें 6 हजार रुपए का मानदेय हर महीने दिया जाएगा।
समूह सखी का मानदेय कितना होगा?
समूह सखी के तहत हर बैंक सखी को 6 महीने तक 4 हजार रुपए का मानदेय दिया गया इसके साथ साथ में लैपटॉप जैसी डिवाइस को खरीदने के लिए सरकार की तरफ से ₹50000 दिए गए।
स्वयं सहायता समूह का वेतन कितना होता है?
स्वयं सहायता समूह में कार्य करने वाली महिलाओं में प्रमुख महिलाएं अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष छोटी हैं इनको सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष रूप में कोई मासिक वेतन या भता नहीं मिलता है। स्वयं सहायता समूह मैं लेखा जोखा और रजिस्टर का कार्य करने वाली प्रमुख महिलाओं को सरकार की तरफ से हाल ही में 9000-10000rs. प्रतिमाह मासिक वेतन देने की घोषणा की गई है।
समूह सखी में अध्यक्ष का क्या काम रहता है?
अध्यक्ष कार्य: सभी समिति की बैठकों और सम्मेलन कॉल के लिए अध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता करता है. निर्देशन द्वारा समिति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नेतृत्व प्रदान करता है निगरानी और समिति की गतिविधियों का मूल्यांकन भी करता है।
कोषाध्यक्ष क्या होता है?
कोषाध्यक्ष खजाने की रखवाली करता है कोषाध्यक्ष का मुख्य काम पैसे से लेनदेन से रखना होता है कि जब कभी संकट की स्थिति में वह उसी स्थिति में उसका सही इस्तेमाल कर सकें कोषाध्यक्ष यह भी सुनिश्चित करता है कि वित्त की कोई कमी ना हो उसका यह भी काम होता है कि वह यह भी बता सके कि भविष्य में कितना खर्च की आवश्यकता होगी.
बीसी सखी योजना ऑनलाइन प्रशिक्षण तथा तैनाती
Sakhi Yojana के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को नियुक्त करने का फैसला किया है। इस योजना के पहले चरण में 56,875 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 15 दिसंबर 2020 से प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ऑनलाइन परीक्षा और पुलिस सत्यापन के बाद अभ्यार्थी की तैनाती कार्यस्थल पर कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि अभ्यर्थियों का जल्द से जल्द प्रशिक्षण किया जाए और उन्हें कार्य स्थल पर तैनात किया जाए। जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध हो।
- BC Sakhi Yojanaके माध्यम से काफी सारी महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह जी के द्वारा यह भू बताया गया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक अभ्यर्थी को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इन शॉर्टलिस्टेड अभ्यार्थी को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा उसके बाद सर्टिफिकेशन के लिए आईआईबीएफ द्वारा एक ऑनलाइन परीक्षा करवाई जाएगी।
- यदि अभ्यर्थी परीक्षा पास नहीं कर पाता है तो उसका नाम वेटिंग लिस्ट में भेजा जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। सर्टिफिकेशन के बाद अभ्यर्थी का पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाएगा और उसके बाद उन्हें कार्यस्थल पर तैनात किया जाएगा। बीसी सखी योजना के अंतर्गत 6 माह तक ₹4000 प्रतिमाह
डिपेंड भी मिलेगा।
FAQs
समूह सखी का क्या काम होता है?
समूह सखी का काम है समृद्धि और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देने का! वे जबरदस्ती नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सहयोग के साथ, 5-6 गांवों के समूहों की सहायता करती हैं। उन्होंने लोगों को साथ आने और समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, और वे ब्लाक स्तर पर आने वाले राष्ट्रीय आजीविका मिशन की योजनाओं और लाभों के बारे में समूह की महिलाओं को जागरूक करती हैं।
समूह सखी का मतलब क्या होता है?
समूह सखी का कार्य होता है अपने संगठित समूह को प्रशिक्षित करना और समूह का प्रबंधन करना। इन समुह सखियों को ग्राम संगठन द्वारा वेतन और भत्ता प्रदान किया जाता है, जिसकी मात्रा प्रत्येक महीने के कार्यों के आधार पर निर्धारित की जाती है।
समूह सखी का मुख्य कार्य होता है कि वह गांव में चल रहे 5 या 6 समूहों की संरक्षण करती हैं। वे ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत उपलब्ध सभी प्रकार की योजनाओं और लाभों के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को समझाती हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक स्वयं सहायता समूह होता है, जिसे समूह सखी संचालित करती हैं।
समूह सखी को कितना वेतन मिलता है?
समूह सखी को हर महीने 10000 रु सैलरी मिलता है।
समूह सखी का चयन कौन करता है?
समूह सखी की नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर भारत सरकार के द्वारा की जाती है।
समूह सखी की ट्रेनिंग कब से शुरू है?
समूह सखी की ट्रेनिंग शुरू 1 फ़रवरी 2023 से स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत सुरु की गई है ।